अनमोल भेंट

अनमोल भेंट


बहुत सोचा बहुत समझा बहुत आजमाया है

जिंदगी में हमने बहुत कुछ अनमोल पाया है

मां की ममता भरी गोद सा ना कोई सरमाया

जिंदगी की कड़ी धूप में पिता सा ना कोई साया।


दोस्तों के बिन लगे ये जिंदगी अधूरी सी

भाई बहनों का प्रेम हरपल साथ पाया है

प्रेम और स्नेह की मूरत सा मिला साथी

बच्चों की मधुर किलकारी सा नहीं थाती।


जीवन की राह में मिले अनमोल सब मोती

रहा धनवान मैं बहुत चमकी संतोष की ज्योति।

है ईश का वरदान मानव मुझको बनाया है

भेज भारत भूमि पर जन्म सफल कराया है।


हूं कृतज्ञ मैं पाकर समर्थ इस देह का मंदिर

है अनमोल ये भेंट हृदय में ईश्वर को सजाया है।

आभार – नवीन पहल – २६.०९.२०२३ 🙏🙏

# दैनिक प्रतियोगिता हेतु कविता 


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3 Comments

खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति

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Reena yadav

26-Sep-2023 08:47 PM

👍👍

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Gunjan Kamal

26-Sep-2023 07:46 PM

बहुत खूब

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